" थोड़ा सा दान बड़ा है काम "
इस मानव समाज में कई तरह के लोग रहते है ,इनमे से कुछ अमीर ,कुछ गरीब , अनाथ बेसहारा लोग भी होते है  दोनों ही वर्ग के लोग  अपना जीवन तो यापन कर रहे है। परन्तु इनमे से एक वर्ग को दूसरे वर्ग की बहुत ही आवश्यकता। आज गरीब पीड़ित लोग अपनी आवश्यकताओं  की पुर्ति के लिये दर -दर की ठोकरे खा रहा है भीख माँग कर  अपना जीवन व्यतीत कर करता है। समाज का दूसरा वर्ग का भी फर्ज है की वो इन बेसहरा पीड़ित वर्ग की सेवा  करे।
जिंदगी का एक ऐहम सत्य है हम मानव समाज के लोग अपने फर्ज के  प्रति जागे  दोस्तों एक बात हमेसा ही ध्यान रहे यदि हम लोग कुछ करे ना करे पर दुसरो की सेवा जरूर करे ,कुछ महान आत्मा होती है जो योगी बन जाती है एवंम मानव समाज की सेवा करती है , " यदि हम योगी ना बन सके तो क्या हुआ उपयोगी तो बन सकते है " आप के द्धवारा दिया गया एक थोड़ा सा दान बडा  काम कर सकता है ये दान किसी को शिक्षा तो किसी की भुख मिटा सकता है ,ये ही नहीं किसी बीमार पीड़ित को जिंदगी भी दे सकता है।
इस लीये हम उपयोगी ही बन जाये। आप के  द्धवारा दी गई एक बून्द भी बहुत ही कीमती हो सकती है ,आप की ये बुँदे ही नहीं आप भी कीमती है इन इन पीड़त बेसहारा गरीब अनाथ लोगो के लिए। मुस्कान संस्थान भी अपना फर्ज नीभा रही है। आप सभी श्री जानो से भी निवेदन है आप भी संस्थान से जुड़े व इन पीड़ित गरीब लोगो की सेवा  करे,सेवा का  ये मौका हमेसा हर किसी को नही मीलता है मुस्कान संस्थान आप सभी का स्वागत करती है।




                                                                                                                              सुधीर जैन

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