क्या हुआ हम गरीब है ..? तो है येतो हक़ हमें भी है
पढ़ेगे-लिखेगे आगे बढ़ेगे ,
मंझील हम अपनी पाकर रहेगे
न रुकेंगे न थकेंगे
हर कदम पर हम चलेगे
बाते आसमां से करेगे सितारों से मिलेगे
अरमां के दीप हम भी जलाएगे
मेहनत की बगीया खिलाएंगे
खुसी के सपने पिरोएगे
अब हम हार नही मानेंगे
खेलेंगे -कुदेगे हर वक्त आगे बढ़ेंगे
सुधीर जैन
पढ़ेगे-लिखेगे आगे बढ़ेगे ,
मंझील हम अपनी पाकर रहेगे
न रुकेंगे न थकेंगे
हर कदम पर हम चलेगे
बाते आसमां से करेगे सितारों से मिलेगे
अरमां के दीप हम भी जलाएगे
मेहनत की बगीया खिलाएंगे
खुसी के सपने पिरोएगे
अब हम हार नही मानेंगे
खेलेंगे -कुदेगे हर वक्त आगे बढ़ेंगे
सुधीर जैन
Comments
Post a Comment