कुदरत  ने किस कदर  इस बालिका पर यह सीतम ढाया है ।यह बालिका   समाज ,घर ,परिवार में यह छोटी सी उम्र में कितना बड़ा मजाक बनकर रह गई ।
    यह पैरो  से विकलांग हे और इसके सीर  पर बाल भी नही आज हरकिसी के हसी का पात्र बनगयी यह बालिका , यह अकेली नही है इसकी तरह कई लोग यह सितम को सह रहे है। आज इन सभी को जरुरत है आप और हम जेसे  लोगो के सहयोग की  मुस्कान संस्थान ने तो अपना कदम इन बेबस लोगो का हाथ थामने के लिये उठा दीया है ,साथीयो अब  आप  भी मुस्कान संस्थान के साथ अपना यह कदम बढ़ाये
आप एक बार इस संस्थान में आके देखे केसे लोग आज भी इस दुनीया में मदद कि आस लगाये बेढे है।  

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